बाइक राइडर्स के लिए रोमांचक रहेगा चूलगिरी का सफर🏍️
सलाम, नमस्ते, केम छू दोस्तो। कैरीमिनाती के अंदाज़ में पुछू तो"कैसे हो आप लोग 😆"?
आज मैं अपने कर्म शहर जयपुर के उस सफर के बारे में बताऊंगा जहां जा कर मुझे इतना शांतिमय और शुकून महसूस हुआ कि मैं आपको क्या बताऊं ऐसा महसूस मुझे कहीं जाने पर नहीं हुआ। इसका सफर इतना शानदार था मतलब जिन बाइक राइडर्स को रोमांचक सफर पसंद है,वे चूलगिरी के पहाड़ियों पर सैर कर मज़ा जरूर ले। जयपुर स्थित इन पहाड़ियों के ऊपर जैन आस्था का प्रतीक एक विशाल मंदिर बना है।यह डेस्टिनेशन शहर के बाहरी हिस्से में होने के कारण भीड़भाड़ से भरा भी नहीं है।
अगर आपको बाइक राइडिंग का शौक है और आप सामान्य स्तर के खतरों के खिलाड़ी भी हैं तो आपके लिए चूलगिरी का सफर रोमांचक रहनेवाला है। पहाड़ी रास्ते पर बाइक चलाने का अपना रोमांच होता है। यहां के रास्ते ऐसे हैं जो आपको अपनी स्पीड तेज़ करने पर खुद पर खुद मजबुर कर देंगे। और फिर पहाड़ी के ऊपर पहुंचने पर आपको मिलेगा शांत और सुंदर वातावरण के बीच स्थित जैन मंदिर।वैसे यहां दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए वीकेंड में काफी लोग पहुंचते हैं।
जयपुर-आगरा रोड़ (एनएच 11) पर घाट की गूणी के पास चूलगिरी की पहाड़ी पर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर धार्मिक आस्था के रुप में भी जाना जाता है। बारिश के दौरान यहां धोंक का जंगल हरा-भरा हो जाता है और वातावरण सुरम्य हो जाता है। मन्दिर से जंगल का नजारा देखने के लिए भी यहां लोग बड़ी संख्या में आते हैं। यहां घना जंगल होने से वाइल्ड लाइफ भी है। पैंथर के इस क्षेत्र में दिखाई देने की घटनाएं कई सामने आ चुकी हैं।
वर्ष 1953 में देशभूषण जी महाराज की प्रेरणा से मन्दिर का निर्माण कराया गया। वर्तमान में मन्दिर जी में चरण चौबीसी, चौबीसी तथा तीन बड़ी प्रतिमाएं हैं और एक विशालकाय 21 फुट की भगवान महावीर की प्रतिमा भी है। मन्दिर में बहुमूल्य रत्नों की प्रतिमा है। यह क्षेत्र अतिशय क्षेत्र है। हर साल मई में यहां बड़ा उत्सव मनाया जाता है। घाट की गूणी सुरंग के निर्माण के बाद यहां पहुुंचने की राह आसान हुई है।
अगर न करनी हो बाइक राइडिंग
जयपुर शहर से चूलगिरी पहुंचने के लिए आपको घाट की गूणी सुरंग के माध्यम सफर करना होगा। यहां से बहुत ही आराम से आप चूलगिरी की पहाड़ियों की सैर कर सकते हैं। क्योंकि यह जगह शहर के बाहरी इलाके में स्थित है, इसलिए आप चाहें तो यहां पहुंचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यहां आपको पहाड़ी रास्ते पर बनी रोड के जरिए लंबी चढ़ाई चढ़नी होगी। आप चाहें तो सीढ़ियों के माध्यम से भी यहां जा सकते हैं। लेकिन पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको करीब 1 हजार सीढ़ियां चढ़नी होंगी।
कैसे पहुंचें चूलगिरी?
चूलगिरी की पहाड़ियां जयपुर-आगरा रोड या कहिए कि एनएच-11 पर स्थित हैं। अगर आप जयपुर की सैर पर हैं तो यहां जरूर जाएं। किले और महलों से अलग इस राइडिंग का रोमांचक सफर मिस न करें। इन पहाड़ियों के घुमावदार रास्ते को पार करने का जितना रोमांच है, उतनी ही रोमाचक तस्वीरें और नजारें इस पहाड़ी के गंतव्य पर पहुंचने के बाद देखने को मिलते हैं।
जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टॉप से चूलगिरी की पहाड़ियों की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से यह जगह करीब 15 किलोमीटर और जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से यहां की दूरी करीब 18 किलोमीटर है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।
Ati uttam...akalpaniya drisya se chit mann bhav vibhor ho utha....!
ReplyDeleteAdbut
ReplyDeleteThank u bhaisabh
ReplyDeleteThank u dost
ReplyDelete